इमरान खान की सेहत पर बढ़ती अटकलें: जेल प्रशासन का बयान, बेटे ने मांगा जीवित होने का सबूत
1 week ago
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर लगातार तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उनकी मौत से जुड़ी अफवाहों के बीच जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि खान पूरी तरह सुरक्षित हैं। इसी दौरान पूर्व क्रिकेटर के बेटे ने उनके जीवित होने का प्रमाण देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि खान पहले ही कह चुके हैं कि अगर उन्हें कुछ भी होता है, तो इसकी जिम्मेदारी फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर की होगी।
जेल प्रशासन का बयान
बुधवार को जेल अधिकारियों ने बताया कि इमरान खान बिल्कुल स्वस्थ हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही खान की सेहत से जुड़ी अफवाहों को खारिज कर दिया। अदियाला जेल प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेतृत्व को इमरान खान की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अवगत करा दिया गया है और पीटीआई प्रमुख को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आसिम मुनीर पर उठाए आरोप
अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ के लिए लिखे एक लेख में खान ने जनरल मुनीर पर गंभीर सवाल उठाए थे। 2 मई 2024 को प्रकाशित इस लेख में उन्होंने लिखा था कि सेना ने उनके खिलाफ हर संभव कदम उठाए हैं और अब केवल उनकी हत्या ही शेष रह गई है। खान ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी बुशरा बीबी को कुछ भी होता है, तो इसके लिए जनरल आसिम मुनीर जिम्मेदार होंगे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई में खान ने आरोप लगाया था कि हाल के दिनों में जेल में उनके साथ होने वाला कठोर व्यवहार और बढ़ गया है, और यही स्थिति उनकी पत्नी के साथ भी अपनाई जा रही है। यहां तक कि उनकी कोठरी का टीवी तक बंद कर दिया गया है। दोनों के मानवीय और कानूनी अधिकार पूरी तरह निलंबित कर दिए गए हैं। खान ने कहा कि इसके लिए जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उनका दावा था कि जेल में उनके खिलाफ उठाए जा रहे कदम एक कर्नल और जेल अधीक्षक ‘आसिम मुनीर के आदेश’ पर कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी से कहा कि अगर उनके साथ जेल में कुछ भी होता है, तो इसके लिए आसिम मुनीर को जिम्मेदार माना जाए।
बेटे ने मांगा जीवित होने का प्रमाण
इमरान खान के छोटे बेटे कासिम खान ने लिखा कि उनके पिता को गिरफ्तार हुए 845 दिन हो चुके हैं और पिछले छह हफ्तों से उन्हें बिना किसी पारदर्शिता के डेथ सेल में अकेला रखा गया है। उनकी बहनों को उनसे मिलने की भी अनुमति नहीं दी जा रही, जबकि अदालत ने इसकी इजाजत दी है। न कोई फोन कॉल, न मुलाकात—और न ही उनके जीवित होने का कोई प्रमाण उपलब्ध कराया गया है।
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